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आदरणीय अनुज भंडारी जी के लिए ।।।

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आदरणीय अनुज भंडारी जी के लिए दो शब्द। आपकी बहुमूल्य डायरी में मेरा नाम देखकर जाने क्यों हंदय एक अलग मृदु सद्भाव के सम्प्रेषण के लिए दो शब्द लिखने की प्रेरणा देने लगा।। ये कुछ और नहीं बल्कि प्रतिलिपि ...

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लेखक के बारे में

जय‌ जय मैहर वाली शारदा मैया जी तुम्हें कोटि कोटि प्रणाम करते हैं।। सरस्वती महाभागे विद्ये कमल लोचनी। विश्व रुपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते। नमस्तुभयं परमेश्वरी सिद्धेश्वरी विद्यारूपिणे विद्या देहि मातु शारदे। त्वां पाद पद्मे नमस्कारं करोति । हे वरप्रदा ज्ञान मुद्रा वरदायिनी विश्व संचालिनी ब्रह्मचारिणी वागीश्वरी नमोस्तुते। हे मां शारदे तुझे कोटि कोटि प्रणाम मां। जय हो मां। 🚫 Do not do message me 🚫

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anuj
    23 फ़रवरी 2022
    ये आपने मेरे लिए जो शब्द लिखे हैं , उसके लिए आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूं । मैंने तो अपनी डायरी में वही जो मैने दो-तीन साल में महसूस किया । एक बार फिर से आपका आभार
  • author
    बहुत बढ़िया आपने लिखा है
  • author
    Hasumati Shah "હીર"
    23 फ़रवरी 2022
    ખુબ જ સરસ
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  • author
    Anuj
    23 फ़रवरी 2022
    ये आपने मेरे लिए जो शब्द लिखे हैं , उसके लिए आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूं । मैंने तो अपनी डायरी में वही जो मैने दो-तीन साल में महसूस किया । एक बार फिर से आपका आभार
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    बहुत बढ़िया आपने लिखा है
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    Hasumati Shah "હીર"
    23 फ़रवरी 2022
    ખુબ જ સરસ