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अदल बदल

3.7
20450

अलीगढ़ में दुष्यंत नमक एक राजा था । उसकी एक बेटी थी। सूर्यमाला नाम था उसका | जैसा नाम वैसे ही गुण | वह अत्यंत रूपवान और शीलवान थी | राजा ने अपनी बेटी का ब्याह एक एक दूसरे राजा के साथ कर दिया। बड़े ...

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अज्ञात
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    दिलीप गिरि
    21 এপ্রিল 2017
    बेकार कहानी, सबसे खराब तो एक ही वाक्य को बार - बार दोहराना " गुड्डा गुड़िया तुम सुनते हो"- समय का व्यर्थ जाना है इस कहानी का पढ़ना।
  • author
    Vijay Tripathi
    22 অগাস্ট 2016
    नाक कान काट के उल्टा गधे पर बिठा दिया .......................हाहाहा
  • author
    Menka Khanna
    16 জুলাই 2018
    humare yaha karwa chaut ki katha ka hissa hai ye
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    दिलीप गिरि
    21 এপ্রিল 2017
    बेकार कहानी, सबसे खराब तो एक ही वाक्य को बार - बार दोहराना " गुड्डा गुड़िया तुम सुनते हो"- समय का व्यर्थ जाना है इस कहानी का पढ़ना।
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    Vijay Tripathi
    22 অগাস্ট 2016
    नाक कान काट के उल्टा गधे पर बिठा दिया .......................हाहाहा
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    Menka Khanna
    16 জুলাই 2018
    humare yaha karwa chaut ki katha ka hissa hai ye