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अचानक

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स्त्रियाँ 'अचानक' के लिए अभ्यस्त होती हैं अचानक ही हो जाती हैं बड़ी अचानक एक दिन छूट जाता हैं मनपसंद फ्रॉक अचानक घूरने लगती हैं निगाहें उनकी छाती और नितंब और न जाने क्या क्या चलना-बैठना-खड़े होना ...

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लेखक के बारे में
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Foziya Saifi

ℂ𝕠𝕠𝕜𝕚𝕟𝕘 🍳🍴☕🥞🍽️𝕒𝕟𝕕 𝕨𝕣𝕚𝕥𝕚𝕟𝕘✍️📖📝 𝕒𝕣𝕖 𝕥𝕙𝕖 𝕓𝕖𝕤𝕥 𝕨𝕒𝕪𝕤 𝕥𝕠 𝕖𝕩𝕡𝕣𝕖𝕤𝕤💁 𝕕𝕖𝕖𝕡 𝕗𝕖𝕖𝕝𝕚𝕟𝕘𝕤 𝕠𝕗 𝕝𝕠𝕧𝕖🥰 𝕚𝕟 𝕪𝕠𝕦𝕣 𝕙𝕖𝕒𝕣𝕥❤️

समीक्षा
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    Faisal Pasha
    06 नोव्हेंबर 2024
    अचानक ये ज़िंदगी भी पूरी हो जाती है, आपकी कविता में लड़कियों के पूरे जीवन को कुछ ही लफ्ज़ों में बचपन से लेकर जवानी और उसके साथ जिन मुश्किलों से लड़कियां गुजारती है सब लिख दिया, पड़ोस वाले कुछ भैया भेड़िए की तरह के होते है, दो को मैने सुधरा है, मगर अफसोस एक बात का रहता है, कभी कभी लड़कियां भी, झूठे दिखावटी इंसान पर भरोसा कर नुकसान उठा लेती है , साफ सीधी बात उनको सुनना पसंद नहीं होता,।
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    Faisal Pasha
    06 नोव्हेंबर 2024
    अचानक ये ज़िंदगी भी पूरी हो जाती है, आपकी कविता में लड़कियों के पूरे जीवन को कुछ ही लफ्ज़ों में बचपन से लेकर जवानी और उसके साथ जिन मुश्किलों से लड़कियां गुजारती है सब लिख दिया, पड़ोस वाले कुछ भैया भेड़िए की तरह के होते है, दो को मैने सुधरा है, मगर अफसोस एक बात का रहता है, कभी कभी लड़कियां भी, झूठे दिखावटी इंसान पर भरोसा कर नुकसान उठा लेती है , साफ सीधी बात उनको सुनना पसंद नहीं होता,।