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अबोध #ओवुमनिया

4.4
250

अबोध अमन और अंकित "मैटिनी शो" की फिल्म देखकर वापिस घर आ रहे थे। रास्ता थोड़ा सुनसान जगह से होकर गुजरता था और वहीं सुनसान में एक पुराना खंडहर भी था। घरवाले बताते थे - पुराने समय में यह खंडहर किसी ...

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लेखक के बारे में

जन्म तिथि: 31.12.1976 शिक्षा : मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर, माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा। स्थायी पता : ग्राम-जलालपुर, पोस्ट-जलालपुर, वाया- बघड़ा, जिला-समस्तीपुर, बिहार, पिन-848506. सम्प्रति : डिपो सामग्री अधीक्षक, रेल पहिया कारखाना, भारतीय रेल, बेला, सारण, बिहार मोबाईल: 7541817218 ईमेल : [email protected] प्रकाशन : वन तुलसी के फूल (कविता संग्रह विशेषांक, रानी बछवाड़ा, बेगूसराय, बिहार), सुरसरि ( त्रैमासिक पत्रिका, गोपालपुर, बेगूसराय, बिहार), सुलभ सलिल (मासिक पत्रिका, वैशाली, बिहार), रचनाकार ई मैगजीन, हस्ताक्षर ई मैगजीन, साहित्य सुधा ई पत्रिका, pratilipi.com द्वारा 11.03.2019 को आयोजित लघु कथा लेखन प्रतियोगिता ओवुमनिया 2019 में लघुकथा "अबोध" चतुर्थ स्थान पर पुरस्कृत........ लेखन विधायें : लघुकथायें, मर्मस्पर्शी लम्बी कथायें, कवितायें........

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Tara Gupta
    14 मार्च 2019
    सच्चाई कहती कहानी,बधाई हो।
  • author
    ईशा अग्रवाल
    12 मार्च 2019
    अच्छी कहानी है। आपको बधाई।
  • author
    अक्षय गुप्ता
    12 मार्च 2019
    बहुत अच्छी है ।
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    Tara Gupta
    14 मार्च 2019
    सच्चाई कहती कहानी,बधाई हो।
  • author
    ईशा अग्रवाल
    12 मार्च 2019
    अच्छी कहानी है। आपको बधाई।
  • author
    अक्षय गुप्ता
    12 मार्च 2019
    बहुत अच्छी है ।