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अभी ज़ख्म़ भरा ही कहां..

4.2
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अभी ज़ख्म़ भरा ही कहां.. पर आओ और गहरा कर दो हरियाता जख्म़ लेकर ख़ुरचनी तुम छील कर देखो ऊपरी काली सतह/ मरहम की जगह डाल कर देखो नमक, मिर्च और सड़क से संसद तक की गर्द डालो मजाक की धूल/रिसते जख्म़ ...

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    Kapil Vats "Kv"
    08 डिसेंबर 2017
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    Kapil Vats "Kv"
    08 डिसेंबर 2017
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