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अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत

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बड़ी भाभी किसके साथ रहेगीं..?इस बात को लेकर दोनों देवरों में बहस छिड़ी थी.… पता नहीं इस बहस का कोई हल निकलने वाला था...!या बड़ी भाभी को अपनी-अपनी मजबूरियों की दास्तान इस बहाने सुनाई जा रही थी। ...

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लेखक के बारे में

https://experienceofindianlife.blogspot.com/2019/02/blog-post_15.html मैं हर पल को यादगार बनाना चाहती हूँ। लम्हा-लम्हा सरकती इस जिंदगी को मुट्ठी में समेटना चाहती हूँ।ये अल्फाज मेरे दिल की आवाज हैं , जिन्हें आप तक पहुंचाना चाहती हूँ। मैंने हिंदी साहित्य से एम.फिल किया है। अध्ययन-अध्यापन मेरा जुनून है। साहित्य सरोवर में डुबकियां लगाना अच्छा लगता है। परीक्षाओं से और पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकें लिखती हूं। साहित्य के क्षेत्र में भक्ति काल और छायावाद के कवियों से विशेष प्रभावित हूं।जीवन के प्रति मेरा नजरिया यही है कि अतीत, वर्तमान या भविष्य की चिंताओं में न उलझकर उसके हर पल को जीना चाहिए। मन में ग्रंथियों को नहीं पालना चाहिए। दृष्टि कोण हर हाल में सकारात्मक होना चाहिए।

समीक्षा
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    11 जनवरी 2019
    बहोत अच्छा लिखा हैं मैम , पर आज के समय मे ऐसा ही हैं किसी को कितना भी कर दो वक्त आने पे वो रंग दिखा देते हैं !!
  • author
    शैलेश सिंह "शैल"
    11 जनवरी 2019
    शब्दो का जवाब नही ,, लेखनी का कोई मोल नही, २ पृष्ठ में ही आपने कहानी को पूरा मौका दिया,, और निखार कर उकेर दिया,,
  • author
    11 जनवरी 2019
    पारिवारिक मनोस्थिति एवं भावनाओं का सजीव चित्रण .. कहानी मर्मस्पर्शी है ..
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    11 जनवरी 2019
    बहोत अच्छा लिखा हैं मैम , पर आज के समय मे ऐसा ही हैं किसी को कितना भी कर दो वक्त आने पे वो रंग दिखा देते हैं !!
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    शैलेश सिंह "शैल"
    11 जनवरी 2019
    शब्दो का जवाब नही ,, लेखनी का कोई मोल नही, २ पृष्ठ में ही आपने कहानी को पूरा मौका दिया,, और निखार कर उकेर दिया,,
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    11 जनवरी 2019
    पारिवारिक मनोस्थिति एवं भावनाओं का सजीव चित्रण .. कहानी मर्मस्पर्शी है ..