पिछले दिनों सुमीता और रमण अपने स्टूडेंट के आमंत्रण पर शादी की एक रस्म में शामिल हुए। वहाँ पहुँचते ही वे सब उनके आगत पर बहुत खुश हुए। उन दोनों के लिए उस परिवार से मिला आदर और अपनापन कभी नहीं बिसारा जा सकने वाला भावपूर्ण उपहार था। । मिलने मिलाने के दौर के बाद खाना खाने के उनके अनुरोध के साथ उन्होंने फूड स्टॉल की तरफ़ रूख किया। सुमीता जैसे ही मुड़ी, उसे उसकी एक सहेली मिल गई ... खुशी में सुमीता के मुँह से अनायास ही निकला समीरा ! तुम, यहाँ, वाउ ! इट्स अ प्लीजेंट सरप्राइज! और वह भी सुमीता को पाकर ...
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