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आत्मघात

4.3
1299

गंधर्व जितना उससे नम्रता से बात कर रहा था। जया उतना ही रुखाई से पेश आ रही थी। गंधर्व के लिए स्वयं पर नियंत्रण रख पाना नामुमकिन हो गया था। क्रोध के मारे उसके दिमाग की नसें फटने लगी थीं। जया अपने ...

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लेखक के बारे में

नमस्ते अपने आस पास के वातावरण को देख कर मेरे भीतर जो भाव उठते हैं उन्हें कहानी, लघु कथाओं एवं लेख के माध्यम से व्यक्त करता हूँ। इसके अतिरिक्त बाल कथाएँ भी लिखता हूँ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sonia Pratibha Tani
    02 নভেম্বর 2018
    बहुत सुंदर रचना
  • author
    Deepika s. Vaishnav
    24 অক্টোবর 2020
    isliye khte h gussa nhi krna chahiye
  • author
    रागिनी
    07 মার্চ 2020
    kya pyar aisa bhi ho sakata hai ...
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    Sonia Pratibha Tani
    02 নভেম্বর 2018
    बहुत सुंदर रचना
  • author
    Deepika s. Vaishnav
    24 অক্টোবর 2020
    isliye khte h gussa nhi krna chahiye
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    रागिनी
    07 মার্চ 2020
    kya pyar aisa bhi ho sakata hai ...