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""आस्था की नगरी- वृंदावन'"

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' आस्था की नगरी -वृंदावन' वृंदावन का नाम लेते ही मन मस्तिष्क अभिभूत हो उठता है ,सहसा ही मन उन कुंज- गलिन में ...उस काल में विचरण करने लगता है ,जहां श्री कृष्ण का बचपन गुजरा। आनंद -उमंग के ...

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लेखक के बारे में
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Suman Chaudhary

स्नातक मनोविज्ञान एम ए , पी जी डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन साहित्यकार ,सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्वतंत्र पत्रकारिता प्रकाशित पुस्तकें- चाय पानी जिंदाबाद - व्यंग्य संग्रह नेता टिकट और गिरगिट -व्यंग्य संग्रह बाजी - कहानी संग्रह वह मेरी कोई नहीं थी- लघुकथा संग्रह काश तुम आसमां होते- काव्य संग्रह टैरसर पर टंगी जिंदगानी -काव्य संग्रह वरिष्ठ परामर्शदाता परिवार परामर्श केंद्र( पुलिस )बिजनौर परामर्शदाता महिला उत्थान केंद्र( पुलिस) बिजनौर संरक्षिका -नगर कल्याण समिति बिजनौर रीजनल डायरेक्टर अंतरराष्ट्रीय रोटरी -3100

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    ranbir singh
    11 मई 2022
    बहुत सुंदर यात्रा वृतांत। कुछ बातेँ तो सहज ही मन को छू लेती हैं। जैसे कि रिक्शावालों के व्यवहार के विषय मे कही गयी आपकी बातें। इस सुंदर लेखन के लिए बधाई आपको।
  • author
    Aparna Garg
    11 मई 2022
    बहुत सुंदर
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    ranbir singh
    11 मई 2022
    बहुत सुंदर यात्रा वृतांत। कुछ बातेँ तो सहज ही मन को छू लेती हैं। जैसे कि रिक्शावालों के व्यवहार के विषय मे कही गयी आपकी बातें। इस सुंदर लेखन के लिए बधाई आपको।
  • author
    Aparna Garg
    11 मई 2022
    बहुत सुंदर