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आशियाना

4.5
178870

मम्मा काका ..... सिया सामने बैठे छोटे से बच्चे की तरफ इशारा करते हुए बोली .... काका... सोनाली ने उसे गोदी में बिठा लिया वो अभी भी उस बच्चे को अपने पापा के कन्धों पर हँसते हुए देख रही थी और सिया ...

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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Nita Kasar
    15 अप्रैल 2017
    कहानी में विषय आपने बहुत अच्छा उठाया है पर मैं लिव इन की पक्षधर नही हूँ क्योंकि एेसे रिश्ते का भविष्य सुखद हो ज़रूरी,समाज भी मान्यता नही देता ।बधाई आपको जितेंद्र गोयल जी ।
  • author
    Divya Tiwari
    07 जुलाई 2020
    कहानी का अंत सुखद है इसलिए अच्छी है। मगर कहानी समाज को गलत सीख देती है। बिना शादी के साथ रहना और दो दो बच्चो को जन्म देना गलत है। प्यार के नाम पर संस्कारों कि आहुति देना गलत है। वो तो भाग्य से लड़का शरीफ निकला नहीं तो किसी और से शादी कर लेता और इन्हे कहना खर्चा दे के छोड़ देता तो। क्या ये औरत सहन कर पाएगी की इसकी बेटी भी ऐसा ही रिश्ता बनाए। ये कहानी समाज के नियमो को तोड़ के व्यभिचारको बढ़ावा देना सही नहीं है। प्यार बहुत कुछ है मगर इतना कुछ नहीं है जिसके लिए संस्कृति और संस्कार ताक पर रख दिए जाए।
  • author
    medha kalra
    06 जून 2020
    kahani achchi hai par is tarah beech beech me ek dam galat English use karke kahani ka standard kharab na kare. English nhi aati to koi baat nhi par galat English use na kare
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    Nita Kasar
    15 अप्रैल 2017
    कहानी में विषय आपने बहुत अच्छा उठाया है पर मैं लिव इन की पक्षधर नही हूँ क्योंकि एेसे रिश्ते का भविष्य सुखद हो ज़रूरी,समाज भी मान्यता नही देता ।बधाई आपको जितेंद्र गोयल जी ।
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    Divya Tiwari
    07 जुलाई 2020
    कहानी का अंत सुखद है इसलिए अच्छी है। मगर कहानी समाज को गलत सीख देती है। बिना शादी के साथ रहना और दो दो बच्चो को जन्म देना गलत है। प्यार के नाम पर संस्कारों कि आहुति देना गलत है। वो तो भाग्य से लड़का शरीफ निकला नहीं तो किसी और से शादी कर लेता और इन्हे कहना खर्चा दे के छोड़ देता तो। क्या ये औरत सहन कर पाएगी की इसकी बेटी भी ऐसा ही रिश्ता बनाए। ये कहानी समाज के नियमो को तोड़ के व्यभिचारको बढ़ावा देना सही नहीं है। प्यार बहुत कुछ है मगर इतना कुछ नहीं है जिसके लिए संस्कृति और संस्कार ताक पर रख दिए जाए।
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    medha kalra
    06 जून 2020
    kahani achchi hai par is tarah beech beech me ek dam galat English use karke kahani ka standard kharab na kare. English nhi aati to koi baat nhi par galat English use na kare