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आशिकी

4.9
166

आशिकी इक बार करनी थी कर ली हमने चंद लम्हा ही सही ज़िन्दगी जी ली हमने चाहे रहे खामोश उम्रभर ये वादा निभाएंगे दूर तुमसे रहे तो क्या मुहब्बत के दिये दिल में जलाएंगे ...

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लेखक के बारे में
author
Santosh Rathore

इल्तजा उनकी थी , कुछ कहें अपने बारे में, कैसे कहें अक्स़ बदल जाता है रोज़ ,यारों के चौबारे में, आज जो हैं ,कल कुछ भी नहीं, फिर क्या होंगे कुछ इल्म नहीं, बेहिस सी जिंदगानी में , कुछ रंग भर देना जुल्म नहीं होंगे कई श़ख्स मुरीद अपनी पहचां के, हम वो हैं ,जो बस उसकी ,रहमत में जिया करते हैं।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    DEEPU
    06 मई 2022
    वाह 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻क्या बात ,क्या बात ,क्या बात👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🙏
  • author
    jayshankar prasad
    06 मई 2022
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है आपकी आदरणीया मैडम जी
  • author
    Anuradha Vishwakarma
    07 मई 2022
    babut sunder line very nice radhe radhe
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    DEEPU
    06 मई 2022
    वाह 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻क्या बात ,क्या बात ,क्या बात👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🙏
  • author
    jayshankar prasad
    06 मई 2022
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है आपकी आदरणीया मैडम जी
  • author
    Anuradha Vishwakarma
    07 मई 2022
    babut sunder line very nice radhe radhe