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आपणो थार राजस्थानी कविता

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थार थारी बाताँ प्यारी म्हानैं लागै जग स्यूं न्यारी। आक खींप अनै फोगड़ा जाँटी कुंभट अनै रोहिड़ा मरूधर री आ फुलवारी म्हानै लागै जग स्यूं न्यारी। गोडावण है इण री शान ऊँट बधावै इण रो मान कुरजाँ री मीठी ...

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लेखक के बारे में
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Ramkumar Bhambhu
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    Dimple Jain
    22 अक्टूबर 2020
    very nice 👌
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    Dimple Jain
    22 अक्टूबर 2020
    very nice 👌