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आपके आ जाने से

4.8
11

आपके आ जाने से हाँ, आपके आ जाने से अनजाने और अनायास ही मन पर यूँ छा जाने से हाँ, आपके आ जाने से यूँ, बेवजह सी ठहरी सी इस जिंदगी को जीने की एक वाज़िब वजह मिल गई है इस दुनिया के बयाँबान में पाँव रखने के ...

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लेखक के बारे में
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Sudhir Kumar Sharma

नाम तो सुधीर लेकिन लेखनी बिल्कुल अधीर कविता के दर्पण में सिमटी जीवन की हर एक तस्वीर चिंतन के सागर में डूबी  और चेतना का नभ छूती छंदों की सीपी में ढलती मोती बनती मन की पीर       -सुधीर अधीर

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    कालिंदी मिश्रा
    12 अप्रैल 2025
    बहुत ही सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी बेहतरीन लेखन 🙏🙏🙏🙏🙏
  • author
    नूपुर शांडिल्य
    15 अप्रैल 2025
    आने वाले कभी लौट कर ना जाएं जाएं भी तो वापिस लौट के आएं :)
  • author
    asha singh
    12 अप्रैल 2025
    बहुत बढ़िया प्रस्तुति।कोई एक प्रेरणा सदा साथ रहनी चाहिए।
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    कालिंदी मिश्रा
    12 अप्रैल 2025
    बहुत ही सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी बेहतरीन लेखन 🙏🙏🙏🙏🙏
  • author
    नूपुर शांडिल्य
    15 अप्रैल 2025
    आने वाले कभी लौट कर ना जाएं जाएं भी तो वापिस लौट के आएं :)
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    asha singh
    12 अप्रैल 2025
    बहुत बढ़िया प्रस्तुति।कोई एक प्रेरणा सदा साथ रहनी चाहिए।