आपके आ जाने से हाँ, आपके आ जाने से अनजाने और अनायास ही मन पर यूँ छा जाने से हाँ, आपके आ जाने से यूँ, बेवजह सी ठहरी सी इस जिंदगी को जीने की एक वाज़िब वजह मिल गई है इस दुनिया के बयाँबान में पाँव रखने के ...
नाम तो सुधीर लेकिन
लेखनी बिल्कुल अधीर
कविता के दर्पण में सिमटी
जीवन की हर एक तस्वीर
चिंतन के सागर में डूबी
और चेतना का नभ छूती
छंदों की सीपी में ढलती
मोती बनती मन की पीर
-सुधीर अधीर
सारांश
नाम तो सुधीर लेकिन
लेखनी बिल्कुल अधीर
कविता के दर्पण में सिमटी
जीवन की हर एक तस्वीर
चिंतन के सागर में डूबी
और चेतना का नभ छूती
छंदों की सीपी में ढलती
मोती बनती मन की पीर
-सुधीर अधीर
रिपोर्ट की समस्या
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