जहाँ ना हो कोई घुटन जहाँ ना हो कोई बंधन जहाँ ना हो कोई बिछड़न जहाँ ना हो कोई चिंतन...! ना हो कोई आज़माइश ना हो कोई समझाइश ना हो कोई शिकायत ना हो वक्त की किफायत...! जहाँ हो ज़मीं आसमां का मिलन जहाँ हो ...
मैं पेशे से एडवोकेट हूँ पर पढ़ना और लिखना मेरा शौक है......प्रतिलिपि एक ऐसा माध्यम है जिसकी वजह से मैं अपने मन कि भावनाओं को रचनाओं के द्वारा लोगो तक पंहुचा सकती हूँ.....
मेरी सभी रचनाएँ स्वरचित और मौलिक है और सर्वाधिकार सुरक्षित है ll
तथा कॉपी राइट एक्ट के अंतर्गत प्रस्तावित है l
अन्यथा की स्थिति मे हाई कोर्ट लखनऊ बेंच में कार्यवाही की जाएगी..l सुषमा सिंह (एडवोकेट )
सारांश
मैं पेशे से एडवोकेट हूँ पर पढ़ना और लिखना मेरा शौक है......प्रतिलिपि एक ऐसा माध्यम है जिसकी वजह से मैं अपने मन कि भावनाओं को रचनाओं के द्वारा लोगो तक पंहुचा सकती हूँ.....
मेरी सभी रचनाएँ स्वरचित और मौलिक है और सर्वाधिकार सुरक्षित है ll
तथा कॉपी राइट एक्ट के अंतर्गत प्रस्तावित है l
अन्यथा की स्थिति मे हाई कोर्ट लखनऊ बेंच में कार्यवाही की जाएगी..l सुषमा सिंह (एडवोकेट )
रिपोर्ट की समस्या
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