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हिन्दी

आसुँओं की होली

4.6
11689

नामों को बिगाड़ने की प्रथा न-जाने कब चली और कहाँ शुरू हुई। इस संसारव्यापी रोग का पता लगाये तो ऐतिहासिक संसार में अवश्य ही अपना नाम छोड़ जाए। पंडित जी का नाम तो श्रीविलास था; पर मित्र लोग सिलबिल कहा ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    pawan kumar
    14 பிப்ரவரி 2019
    रचना के माध्यम से त्यौहारो का सच्चा अर्थ प्रस्तुत किया गया है|
  • author
    पवनेश मिश्रा
    12 ஏப்ரல் 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏
  • author
    Raunak Jaitilak
    15 ஜனவரி 2017
    very nice and heart touching story
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    pawan kumar
    14 பிப்ரவரி 2019
    रचना के माध्यम से त्यौहारो का सच्चा अर्थ प्रस्तुत किया गया है|
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    पवनेश मिश्रा
    12 ஏப்ரல் 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏
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    Raunak Jaitilak
    15 ஜனவரி 2017
    very nice and heart touching story