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आँसू !

4.3
903

छलका नयन , गिर पड़ा एक बूँद अरे! इसेमत नीर समझो | इसमेंछिपी है वेदना अंतः कलह, छिन्न सपने , शत्रु अपने ठोकरों का क्रोध इसमें, जो मिली थी बेवजह | इसमें छिपा है – भेद रंग का जाति का , सर्द आहें ! ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    शशि शर्मा "खुशी"
    22 अगस्त 2015
    very nice
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    24 जनवरी 2023
    आँसू मन की मूक भावनाओं की अभिव्यक्ति है ,को प्रतिबिंबित करती सुन्दर रचना । हार्दिक साधुवाद
  • author
    लकी निमेष "lucky"
    03 जून 2018
    बहतरीन सर मेरी ग़ज़ल' कच्ची मिटटी',भी पढे
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    शशि शर्मा "खुशी"
    22 अगस्त 2015
    very nice
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    अरविन्द सिन्हा
    24 जनवरी 2023
    आँसू मन की मूक भावनाओं की अभिव्यक्ति है ,को प्रतिबिंबित करती सुन्दर रचना । हार्दिक साधुवाद
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    लकी निमेष "lucky"
    03 जून 2018
    बहतरीन सर मेरी ग़ज़ल' कच्ची मिटटी',भी पढे