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आंखों का नशा

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आंखों में तेरे वो नशा है जैसे किसी मधुशाला से आया हो बातों में तेरी वो कशिश है जैसे चांद की चांदनी में है क्या तेरी तारीफ लिखूं कलम में जैसे स्याही खत्म है तारीफ़ के लिए जैसे शब्द कम हैं तू तो  जैसे ...

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Srishti🦋

🧿! कलमकारी....... ...... 🔜 🔛 🔝......♾️✨️

समीक्षा
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    11 जून 2021
    💞 💞 💞 सुन्दर लिखा आप ने 💐 💐 💐 💐
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    11 जून 2021
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