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आँखों में पड़ी इस धूल

3.6
528

आँखों में पड़ी इस धूल का, हमें ही हटाना है.... चाहें लाख कमाये धन दौलत हम, पर रोटी ता,े दो ही खाना है.... कितना ही सुन्दर दिखे हम, पर नजर का टीका तो, माँ ने ही लगाना है...... लाखों के गद्दे में सो ...

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लेखक के बारे में

नाम- अंजली अग्रवाल पिता- स्व. श्री मोतीराम अग्रवाल माता- श्रीमति मिथलेश देवी अग्रवाल परिवार - 9 बहन, 1 भार्इ  जन्म- 25-05-1990 शिक्षा - एम. काम विधा - कविता और लेख  प्रकाशन - रचानाकार , स्वर्गविभा प्रेरणा दायक - परिवार सम्र्पक - अंजली अग्रवाल वार्ड न. 12 बाजार मोहल्ला परासिया 480441 जिला - छिन्दवाडा़ म.प्र.  

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mohit Awasthi
    07 जून 2015
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं अंजलि जी...
  • author
    Anurag Dubey
    11 जुलाई 2018
    बेहतरीन, 👍👍
  • author
    अलका अग्रवाल
    15 सितम्बर 2015
    thanks mohit ji....
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  • author
    Mohit Awasthi
    07 जून 2015
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं अंजलि जी...
  • author
    Anurag Dubey
    11 जुलाई 2018
    बेहतरीन, 👍👍
  • author
    अलका अग्रवाल
    15 सितम्बर 2015
    thanks mohit ji....