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आंकड़ा छत्तीस का

4.7
212

जिन्दगी में हमारे सामने नित्य कोई न कोई ऐसी गणित की गिनती आकर खड़ी हो जाती है जिसमें हम ऐसा उलझ कर अपने छत्तीस के आंकड़े पहाड़ की चोटी पर चढ़ कर  तिल का ताड़ बना देते है- अजी सुनते हो क्या -काबेरी ने ...

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लेखक के बारे में
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Rajendra Mishra

धन्यवाद

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    19 जून 2019
    bahut sunder lajawab , ladne jhagdne Ke beech pyar ka anand hi kuchh aur hota hai ..
  • author
    Anuradha Gupta
    01 सितम्बर 2022
    दाम्पत्य जीवन के नोंक झोंक और प्यार को दर्शाती बहुत सुन्दर प्रस्तुति
  • author
    अंशु शर्मा "धरा"
    23 जून 2019
    बहुत ही बढ़िया ये ही जिंदगी है , कुछ खट्टी कुछ मीठी शीर्षक बहुत ही बढ़िया
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    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    19 जून 2019
    bahut sunder lajawab , ladne jhagdne Ke beech pyar ka anand hi kuchh aur hota hai ..
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    Anuradha Gupta
    01 सितम्बर 2022
    दाम्पत्य जीवन के नोंक झोंक और प्यार को दर्शाती बहुत सुन्दर प्रस्तुति
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    अंशु शर्मा "धरा"
    23 जून 2019
    बहुत ही बढ़िया ये ही जिंदगी है , कुछ खट्टी कुछ मीठी शीर्षक बहुत ही बढ़िया