pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

आने वाला कल। नमस्कारं

4.7
9

आने वाला कल हमेशा  अच्छा  ही होगा बहुत  सुंदर  होगा यही सोचना चाहिए   होना तो और जानना सब ऊपर वाले पर निर्भर  है  वो परम पिता ही जाने । जैसे हमेशा  हमारे  ॠषि, मुनियों, सन्तों, हमारे  देश के ,वीरों  ...

अभी पढ़ें

Hurray!
Pratilipi has launched iOS App

Become the first few to get the App.

Download App
ios
लेखक के बारे में
author
Pushpa notiyal

नमस्ते प्रतिलिपि जी अब आगे संस्कृत मे लिख रही हूँ , सनातनी मान्यताओं के बारे में नास्ति मातृसमं तीर्थं ,पुत्रार्णां तारणाय च। हितायाऽत्र परत्रार्थ यैस्तुमाता प्रपूजिता ।। वेदैरपि च किं पुत्र! पिता येन प्रपूजितः। एष पुत्रस्य वै धर्मस्तथा तीर्थं नरेषिव्ह। । अज्ञान-तिमिरान्धत्वं गुरुः शीघ्रं प्र णाशयेत। तस्मात गुरुः परं तीर्थं शिष्याणां हितचिन्तकः।। तीर्थ भूतो हरेर्भक्तः स्वयं पूतश्च पावकः। येन भस्मीकृतो लोके पापपुंजो ही सुब्रत। । प्रयाग-पुष्करसमौ पत्युः पादौ स्मृतावतः। स्नातव्यं सततं स्त्रीभिस्तीर्थभूते सरोवरे। । नास्ति पत्नीसमं तीर्थं भूतले तारणाय तु। यस्य गेहे सती नारी स धन्य पुरुषो मतः।। सम्पतौ च विपत्तौ च यस्तिष्ठति सदाऽत्र वै। मित्रतीर्थं परंम लोके मुनिभिः परिभाषितं।। जंड्ग्मं विप्रतीर्थं तदवेदपूतं च निर्मल । यस्य वाक-सलिलेनैव शुद्धयन्ति मलिनो जनाः।। तीर्थाष्टकमिदं पुण्यं " श्री दिव्जेन्दर् " विनिर्मितम। सेवितव्यं सदा भक्तया भुक्ति-मुक्ति प्रदायकम। । (श्री गार्ग्य मुनि रचित श्लोक) थोडा फोन की वजह से मात्रा, विसर्ग, निसर्ग नहीं लगे हैं माफी चाहती हूँ धन्यवाद जी जयश्रीकृष्णा राधे राधे राधे राधे राधे शुभरात्री जी

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr. Mishra "Ans"
    04 ഡിസംബര്‍ 2021
    सुंदर अभिव्यक्ति 👌👌
  • author
    Rakesh Chaurasia
    04 ഡിസംബര്‍ 2021
    बहुत सुंदर प्रस्तुति।
  • author
    04 ഡിസംബര്‍ 2021
    बहुत खूब लिखा जी
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr. Mishra "Ans"
    04 ഡിസംബര്‍ 2021
    सुंदर अभिव्यक्ति 👌👌
  • author
    Rakesh Chaurasia
    04 ഡിസംബര്‍ 2021
    बहुत सुंदर प्रस्तुति।
  • author
    04 ഡിസംബര്‍ 2021
    बहुत खूब लिखा जी