आज शाम उदास है ना कोई आस पास है दूर दूर तक सन्नाटा छाया है कैसी बेबसी वाली शाम है बहती पवन ने बहना छोड़ दिया सांय सांय की आवाज है परिंदों भी गुमसुम से है ना जाने इन्हें किस बात का आभास है खोया खोया ये ...
अंतर्मन की आवाज़ को देती हूँ शब्दों का आकार,
मेरी लेखनी में सिमटा है, संवेदनाओं का संसार।
मेरी रचनाएं मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित हैं।
Follow on Instagram :
https://www.instagram.com/angelitic_thoughts_?igsh=MnRxcGtzejZyamox
सारांश
अंतर्मन की आवाज़ को देती हूँ शब्दों का आकार,
मेरी लेखनी में सिमटा है, संवेदनाओं का संसार।
मेरी रचनाएं मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित हैं।
Follow on Instagram :
https://www.instagram.com/angelitic_thoughts_?igsh=MnRxcGtzejZyamox
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या