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आज शाम उदास है

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आज शाम उदास है ना कोई आस पास है दूर दूर तक सन्नाटा छाया है कैसी बेबसी वाली शाम है बहती पवन ने बहना छोड़ दिया सांय सांय की आवाज है परिंदों भी गुमसुम से है ना जाने इन्हें किस बात का आभास है खोया खोया ये ...

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लेखक के बारे में
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Shilpa Modi

अंतर्मन की आवाज़ को देती हूँ शब्दों का आकार, मेरी लेखनी में सिमटा है, संवेदनाओं का संसार। मेरी रचनाएं मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित हैं। Follow on Instagram : https://www.instagram.com/angelitic_thoughts_?igsh=MnRxcGtzejZyamox

समीक्षा
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  • author
    Saroj Pal
    11 जून 2021
    बहुत सुंदर लिखा आपने 👌👌
  • author
    11 जून 2021
    वाह वाह बहुत बढिया 👍👍👍
  • author
    11 जून 2021
    दिल में बज रही है घंटियां ।किसी के आने का इंतजार है। फिर न होगी शाम उदास। मेरी जिंदगी में आने का उसका ये है अभास
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    Saroj Pal
    11 जून 2021
    बहुत सुंदर लिखा आपने 👌👌
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    11 जून 2021
    वाह वाह बहुत बढिया 👍👍👍
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    11 जून 2021
    दिल में बज रही है घंटियां ।किसी के आने का इंतजार है। फिर न होगी शाम उदास। मेरी जिंदगी में आने का उसका ये है अभास