आह को चाहिये इक उम्र असर होने तक कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक दामे-हर-मौज में हैं हल्क़-ए-सदकामे-निहंग देखें क्या गुज़रे है क़तरे पे गुहर होने तक आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब दिल का ...
मूल नाम : मिर्ज़ा असदउल्ला बेग़ ख़ान ग़ालिब
जन्म : 27 दिसंबर 1796, आगरा (उत्तर प्रदेश)
भाषा : उर्दू, फ़ारसी
विधाएँ : गद्य, पद्य
निधन - 15 फरवरी 1869, दिल्ली
सारांश
मूल नाम : मिर्ज़ा असदउल्ला बेग़ ख़ान ग़ालिब
जन्म : 27 दिसंबर 1796, आगरा (उत्तर प्रदेश)
भाषा : उर्दू, फ़ारसी
विधाएँ : गद्य, पद्य
निधन - 15 फरवरी 1869, दिल्ली
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