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"आगे कुआँ पीछे खाई"

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"आगे कुआँ पीछे खाई" औंधे गिरे तो मां याद आई पिता को बीते से नापे मां की देख रहे गहराई जो आई पराई उसे दूर भगाई पड़ोसन संग प्रीत लगाई यहीं रीति सदा चली आई जो माई को धता बताते पिता से बस करें ...

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Dipak Bora

अगर आप फोलो करे और कुछ सही गलत बता सके।तब और भी अच्छा दे सकेंगे हम अपनी तरफ से

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    KDS
    02 डिसेंबर 2019
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