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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    bikash ranjan burnwal
    16 नोव्हेंबर 2021
    samaj ki amulya dhrohar hai hamare kalam k sipahi Munshi PremChand
  • author
    Vijayalakshmi Joshi
    04 जुलै 2022
    aurat me sikh maa jarur hoti hai vo hi mamata lutati hai aur sacrifice karti hai yahi to mamtv hota hai
  • author
    Anju Goyal
    14 जुलै 2022
    Bahari aurat 14 varsh Ki Seva aur Tyag ka Kuchh Bhi padh Lena manjur nahin diya
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    bikash ranjan burnwal
    16 नोव्हेंबर 2021
    samaj ki amulya dhrohar hai hamare kalam k sipahi Munshi PremChand
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    Vijayalakshmi Joshi
    04 जुलै 2022
    aurat me sikh maa jarur hoti hai vo hi mamata lutati hai aur sacrifice karti hai yahi to mamtv hota hai
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    Anju Goyal
    14 जुलै 2022
    Bahari aurat 14 varsh Ki Seva aur Tyag ka Kuchh Bhi padh Lena manjur nahin diya