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आ बैल मुझे मार..

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मैं कब से ऐसी हरकतें करने में लगा हूँ जिससे ये बैल मुझे खूब मारे.. अरे ये अपने घास चरने में मस्त है मुझे रत्ती भर भी भाव नहीं देता तो भईया मैं ठहरा अपनी आदत से मजबूर प्राणी.. बस इसे उकसाने के लिए ...

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लेखक के बारे में
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मोहन

🌹अब खरी खरी नहीं कहता हूँ.. इसीलिए अब तन्हा नहीं रहता हूं..🌹

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    02 मई 2025
    हे बैल.... इसे मत मार😁
  • author
    MD. TAUSEEF ANSARI
    02 मई 2025
    बहुत खूब
  • author
    Shubhi
    02 मई 2025
    👌👌👌👌👌😂😂
  • author
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    02 मई 2025
    हे बैल.... इसे मत मार😁
  • author
    MD. TAUSEEF ANSARI
    02 मई 2025
    बहुत खूब
  • author
    Shubhi
    02 मई 2025
    👌👌👌👌👌😂😂