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एक कविता मेरी भी

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कई राज़ मेरी आँखों मे कई बातें मेरी बातों में कई अल्फ़ाज़ मेरे लफ़्ज़ों में कोई तो हो जिसे कह सकूँ की वो ही बस कुछ खास सा है मेरे आसपास रहने वालों में की उसे पता होगा जो है मुझमें की उसकी आँखें वो देखेगी ...