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अ डॉग्स लव स्टोरी

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4.6

वो चली गयी , अब दरवाजो के पीछे से कोई कूँ कूँ की आवाज़ नहीं आती , दीवारों पर कोई अपने पंजे नहीं खुरचता दिन तो मेरा अब भी कट जाता है , पर दोपहरी नहीं कटती , जब सब खा के सो जाते हैं , तो मैं उसी ...