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ऐ डेट इन ट्रेन

4.3
24443

प्लेटफार्म पर लगे डिजिटल साइन बोर्ड पर देखा तो पता चला की मैं काफी दूर खड़ा था C1 कोच से। ट्रेन अब प्लेटफार्म पर आने ही वाली थी, मैं तेजी से C1 की तरफ जा रहा था अब ट्रेन मेरे सामने से निकल रही थी ...

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लेखक के बारे में

जन्म : 25 जुलाई 1990 | शिक्षा : MSC(IT), B.Com | राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में जन्मे मनीष कहानियां पढने और लिखने में खास दिलचस्पी रखते है। कहानियां से रिश्ता बचपन का है और लेखन में कुछ ही समय से सक्रीय है। अपने आस पास की जिन्दगी को पन्नो में उकेरना पसंद है। लिखते कम ही है पर कोशिश रहती है कुछ नया लिखें। फ़िलहाल जयपुर में है और प्राइवेट कंपनी में बिज़नस हेड के पद से इस्तीफ़ा देकर घर बैठे है। आगे क्या करेंगे नहीं जानते पर कुछ नया और बेहतर करने की उम्मीद है। | ईमेल : [email protected] | फेसबुक : https://www.facebook.com/manizkhandelwal

समीक्षा
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  • author
    Trending efforts by sarita gautam
    09 अक्टूबर 2018
    Kisi duniya mein kho Jane k liye main Yaha ptalipi par aati hun ek sukoon Jo kho gya h kahin wo paane k liye....bhot acchi kahanii saamne chlte hue drishye...wohi feeling wohi pyar ...jisne Kiya ho wo mehsus Kar skta h
  • author
    पि के "खुशि"
    14 अप्रैल 2018
    incomplete thi sayad
  • author
    Dipti Biswas
    11 जुलाई 2018
    वाह पढ़कर अपना पहला प्यार याद आ गया डर भी शर्मो हया भी प्यार भी मिलने की ख्वाहिश भी। लाज़वाब लिखा आपने
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    Trending efforts by sarita gautam
    09 अक्टूबर 2018
    Kisi duniya mein kho Jane k liye main Yaha ptalipi par aati hun ek sukoon Jo kho gya h kahin wo paane k liye....bhot acchi kahanii saamne chlte hue drishye...wohi feeling wohi pyar ...jisne Kiya ho wo mehsus Kar skta h
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    पि के "खुशि"
    14 अप्रैल 2018
    incomplete thi sayad
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    Dipti Biswas
    11 जुलाई 2018
    वाह पढ़कर अपना पहला प्यार याद आ गया डर भी शर्मो हया भी प्यार भी मिलने की ख्वाहिश भी। लाज़वाब लिखा आपने