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सुनो न

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सुनो न,अब लौटा दो मेरी यादें । वो मेरे कश्मकश,मेरी तन्हाइयां,मेरे इरादे । वो हसीन सपने भी!जिनमें तुम थे, अपने तमाम हॅसी रंगीनियों के साथ, कितना खूबसूरत होता था तुम्हारा अंदाज । लौटा दो,वो हमारा चाय ...

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लेखक के बारे में
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Piyush Mohan
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kavita Devi
    16 जून 2020
    very nice
  • author
    Nilesh Kushwaha
    28 मई 2020
    बढ़िया
  • author
    Rakesh yadav
    11 मई 2020
    badhiya
  • author
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  • author
    Kavita Devi
    16 जून 2020
    very nice
  • author
    Nilesh Kushwaha
    28 मई 2020
    बढ़िया
  • author
    Rakesh yadav
    11 मई 2020
    badhiya