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2 गज जमीन के नीचे

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सायंकाल का वक्त था, लाल सूरज अस्त होने के लिए मानो तैयार है, आसमान में चिड़िया चहचहाते हुए अपने घर जा रही है सब ख़ुशी ख़ुशी अपने घर जा रहे हैं, लेकिन रोहित के चेहरे पे खुशी नजर नहीं आ रहा है। ...

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समीक्षा
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  • author
    Samya kashyap
    20 नवम्बर 2022
    bahut hi की लिखे हो ap 👌👌👌
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    Samya kashyap
    20 नवम्बर 2022
    bahut hi की लिखे हो ap 👌👌👌