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077 सत् असत् विवेक विचार

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आध्यात्मिक चिंतन

विवेक की तलवार उठाकर, जगत की कल्पना को काट डालो, और अभी विश्राम पा जाओ।

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लेखक के बारे में
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Lokeshanand Paramhans

अ दुनिया के थके माँदे लोगों आओ मेरे पास मैंने वो स्थान ढूंढ लिया है जहाँ दुख नहीं है।

समीक्षा
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  • author
    akhilesh patidar
    04 നവംബര്‍ 2019
    जय श्री कृष्ण प्रभुजी।सादर चरण स्पर्श।
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    akhilesh patidar
    04 നവംബര്‍ 2019
    जय श्री कृष्ण प्रभुजी।सादर चरण स्पर्श।