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ज़िन्दगी

4.1
36

वक़्त ने साथ दिए तो पैमाने भी तय करेंगे, फिर ज़िन्दगी हमें नहीं, हम ज़िन्दगी को जियेंगे। ज़िन्दगी से नजदीकियां तो हमेशा से रही, कोई चला जाय बिन बताएं तो कुसूर हमारा नही। जीने का मज़ा तो मुसाफिर ही लेते है ...

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लेखक के बारे में
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Mitali gupta

ये ज़िन्दगी मुझसे क्या चाहती है , मुझे नही पता पर मैं इस ज़िन्दगी से क्या चाहती हूँ ये तो इसे पता होनी चाहिए ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    मनु
    22 जुलाई 2019
    फिर जिंदगी हमें नहीं हम जिंदगी को याद करेंगे मेरा मानना है कि कुछ ऐसा करें हम कि मरने के बाद लोग हमें याद करें खुबसूरत शब्द रचना
  • author
    जुनैद चौधरी
    20 जुलाई 2019
    us ik safar ne diye drd bht.. dukh alag. ruswai alag. judai alag bewafai alag.. khubsurt gazal h mam 👌
  • author
    Himanshu raghav
    20 जुलाई 2019
    bhut sundar
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    मनु
    22 जुलाई 2019
    फिर जिंदगी हमें नहीं हम जिंदगी को याद करेंगे मेरा मानना है कि कुछ ऐसा करें हम कि मरने के बाद लोग हमें याद करें खुबसूरत शब्द रचना
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    जुनैद चौधरी
    20 जुलाई 2019
    us ik safar ne diye drd bht.. dukh alag. ruswai alag. judai alag bewafai alag.. khubsurt gazal h mam 👌
  • author
    Himanshu raghav
    20 जुलाई 2019
    bhut sundar