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हेरोइन, बनु क्या

4.5
276

आज सारे काम खत्म करने मे काफी समय लगा फिर सोचा अच्छा है बच्चों के लौटने से पहले फुरसत हो जाउंगी । सुबह से जल्दी उठकर लगातार काम करो तब भी ये मुआ घर का काम खत्म ही नही होता। पतिदेव के जाने के पहले ...

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लेखक के बारे में
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Pragya Verma

BACHPAN SE KAHANI PADHNE KA BAHUT SHOK THA MEGZIN OR NEWS PAPER MAI DHUNDTI THI... PRATILIPI MAI MERI KHOJ PURI HUYI.... OR EK BHARA PARIVAAR BHI MIL GYA😊🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    पवनेश मिश्रा
    14 अक्टूबर 2019
    क्यों न हीरोइन बन जाऊं, भारतीय गृहणी के अथक परिश्रम, प्रयासों, और ह्रदयस्पर्शी, संवेदनशील विचारों के साथ बच्चों की बड़ी बड़ी बातें बहुत बेहतर प्रज्ञा जी, श्रीमान जी के लिए अच्छी चाय ने मुस्कराने पर मजबूर कर दिया, अनंत शुभकामनाएं 🙏😊,
  • author
    PRAHLAD "PK Verma"
    27 जनवरी 2020
    बहुत ही सुन्दर,महिलाओं के व्यस्त कामों को आपने बहुत अच्छे तरीके से बताया है छोटे बच्चो के सपनों की अलग ही दुनिया होती है आपकी इस रचना से पता चलता है बहुत ही सुन्दर, बढ़िया मार्मिक,हृद्यस्पर्सी रचना
  • author
    26 अगस्त 2019
    बहुत बढ़िया जी,गृहिणी के कार्यों का मार्मिक चित्रण किया आपने ।
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    पवनेश मिश्रा
    14 अक्टूबर 2019
    क्यों न हीरोइन बन जाऊं, भारतीय गृहणी के अथक परिश्रम, प्रयासों, और ह्रदयस्पर्शी, संवेदनशील विचारों के साथ बच्चों की बड़ी बड़ी बातें बहुत बेहतर प्रज्ञा जी, श्रीमान जी के लिए अच्छी चाय ने मुस्कराने पर मजबूर कर दिया, अनंत शुभकामनाएं 🙏😊,
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    PRAHLAD "PK Verma"
    27 जनवरी 2020
    बहुत ही सुन्दर,महिलाओं के व्यस्त कामों को आपने बहुत अच्छे तरीके से बताया है छोटे बच्चो के सपनों की अलग ही दुनिया होती है आपकी इस रचना से पता चलता है बहुत ही सुन्दर, बढ़िया मार्मिक,हृद्यस्पर्सी रचना
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    26 अगस्त 2019
    बहुत बढ़िया जी,गृहिणी के कार्यों का मार्मिक चित्रण किया आपने ।