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हार की जीत

4.2
5631

“ ये तो अच्छा हुआ, कुंवारा ही जा रहा हूँ ...वरना बीबी, बच्चों की फिकर वहां भी मुझे चैन से रहने नहीं देता | पर..जाते-जाते आभा को नहीं देख पाया, एकबार जी भर देख लेता ! पता नहीं...उसकी शादी हुई... ...

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लेखक के बारे में

स्वतंत्र लेखन, हिन्दी

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Renu Bala
    21 जुलाई 2019
    वाह!!! निशब्द हूँ minni जी। बहुत ही अद्भुत कल्पना की है आपने 👌👌👌👌👌हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आपको। 💐💐💐💐💐💐😊
  • author
    Geeta Mishra
    23 जुलाई 2019
    Our world has no work they peep in other मैटर
  • author
    Anshu Sharma
    21 जुलाई 2019
    Reflection of indian society.. Well composed
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    Renu Bala
    21 जुलाई 2019
    वाह!!! निशब्द हूँ minni जी। बहुत ही अद्भुत कल्पना की है आपने 👌👌👌👌👌हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आपको। 💐💐💐💐💐💐😊
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    Geeta Mishra
    23 जुलाई 2019
    Our world has no work they peep in other मैटर
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    Anshu Sharma
    21 जुलाई 2019
    Reflection of indian society.. Well composed