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हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो...

4.6
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ना चाहते हुए भी वो अपना हो ही जाता है।

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लेखक के बारे में
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मनीषा दुबे

मैं एक होम मेकर हूँ.. लिखने का शौक बहुत पहले से था पर अब इसे मैंने आदत बना लिया है | उम्मीद है आप लोगों को भी मेरी ये आदत पसंद आयेगी 😊😊🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    30 മെയ്‌ 2019
    बहुत सुंदर रचना। आपकी लेखन शैली लाजवाब रही, और कहानी तो उससे भी अधिक। मेरी भी कहानी प्रतियोगिता में गयी है, फिर भी मैं कामना करूँगा आपकी कहानी प्रतियोगिता में कोई स्थान प्राप्त कर सके।
  • author
    Mohit Shiro Dahiya "Shiro"
    28 ജൂലൈ 2019
    एक कहानी को जैसा होना चाहिए आपकी कहानी में वह सब कुछ है ।। प्यार, सच्चाई, त्याग, समर्पण, सहनशीलता, सामाजिक समझ सबसे अधिक महत्वपूर्ण एक सुखद अंत कुल मिलाकर अपने एक श्रेष्ठ कहानी की रचना की है शब्द ही नहीं है हमारे पास जो आपकी कहानी को शब्दों में वर्णन कर सके
  • author
    Chandni Sharma
    12 ഏപ്രില്‍ 2019
    very nice
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    30 മെയ്‌ 2019
    बहुत सुंदर रचना। आपकी लेखन शैली लाजवाब रही, और कहानी तो उससे भी अधिक। मेरी भी कहानी प्रतियोगिता में गयी है, फिर भी मैं कामना करूँगा आपकी कहानी प्रतियोगिता में कोई स्थान प्राप्त कर सके।
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    Mohit Shiro Dahiya "Shiro"
    28 ജൂലൈ 2019
    एक कहानी को जैसा होना चाहिए आपकी कहानी में वह सब कुछ है ।। प्यार, सच्चाई, त्याग, समर्पण, सहनशीलता, सामाजिक समझ सबसे अधिक महत्वपूर्ण एक सुखद अंत कुल मिलाकर अपने एक श्रेष्ठ कहानी की रचना की है शब्द ही नहीं है हमारे पास जो आपकी कहानी को शब्दों में वर्णन कर सके
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    Chandni Sharma
    12 ഏപ്രില്‍ 2019
    very nice