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स्मृति

4.4
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बारात तोरण पर पहुँच चुकी थी,दुल्हन की बहनें इंडिया - पाकिस्तान के बॉर्डर समान रिबन से दूल्हे के लिए बॉर्डर बनाये आँगन में घर की दहलीज़ पर खड़ी हुई थीं। शादी ब्याह के शोरगुल में केवल शहनाई की आवाज़ ...

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Vijay vashisht
समीक्षा
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  • author
    P c Katiyar
    12 सितम्बर 2021
    nice
  • author
    sudha tiwari
    08 अगस्त 2020
    सुन्दर रचना
  • author
    17 जून 2020
    👌👌👌👌👌👌
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    P c Katiyar
    12 सितम्बर 2021
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    sudha tiwari
    08 अगस्त 2020
    सुन्दर रचना
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    17 जून 2020
    👌👌👌👌👌👌