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हिन्दी

सुहागरात

4.2
492665

मीनू का पारा चढ़ा हुआ था| शायद वह कहीं से लड़ कर आई थी| आते ही अंटी ने उसे मुकेश को साथ ले जाने को कहा| दांत पीसते हुए वह मुकेश को पीछे आने का इशारा करके आगे चल पड़ी| वह मुकेश को कमरे में ले जाती ...

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लेखक के बारे में

प्रकाशित पुस्तकें – 13 ( हिंदी और पंजाबी में कविता, कहानी और समीक्षा पर ); ईनाम- विश्व हिंदी सचिवालय मारीशस द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिंदी कहानी प्रतियोगिता में सौ डॉलर का सांत्वना पुरस्कार; जन्म तिथि - 23/10/1976; शिक्षा – एम. ए. हिंदी, इतिहास, ज्ञानी, बी.एड., उर्दू में सर्टिफिकेट कोर्स, हिंदी में नेट क्वालीफाइड; कार्यक्षेत्र – अध्यापन, लेक्चरर हिंदी ( स्कूल कैडर ); पता – गाँव व डाक – मसीतां, डबवाली, सिरसा ( हरियाणा ) ; Mo. - 87085-46183 Email - [email protected] मेरा कहानी-संग्रह यहाँ उपलब्ध है - https://www.amazon.in/dp/9386027992/

समीक्षा
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  • author
    Suman Singh
    18 ಮೇ 2019
    ishk to ishk he kisi bhi rup me ho sakta he mujhe in dono ka prem sach laga isme banavat nhi thi
  • author
    16 ಜೂನ್ 2019
    सरकार स्त्रियों के सम्मान के लिए बहुत दावे करती है पर सब खोखले साबित हुए है। ये वेश्यावृत्ति औरतों की ज़िन्दगी तबाह कर रही है
  • author
    17 ಮೇ 2019
    मजबूरी में स्त्रियों को इस दलदल में जाना पड़ता है जो इस दलदल में फसा फिर वो कभी नहीं निकल पाता अगर निकल भी गये तो समाज पीछा नही छोडता
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    Suman Singh
    18 ಮೇ 2019
    ishk to ishk he kisi bhi rup me ho sakta he mujhe in dono ka prem sach laga isme banavat nhi thi
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    16 ಜೂನ್ 2019
    सरकार स्त्रियों के सम्मान के लिए बहुत दावे करती है पर सब खोखले साबित हुए है। ये वेश्यावृत्ति औरतों की ज़िन्दगी तबाह कर रही है
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    17 ಮೇ 2019
    मजबूरी में स्त्रियों को इस दलदल में जाना पड़ता है जो इस दलदल में फसा फिर वो कभी नहीं निकल पाता अगर निकल भी गये तो समाज पीछा नही छोडता