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सुजाता-कृत 'एक बटा दो' की पुस्तक समीक्षा ।

4.7
148

सुजाता जी का यह उपन्यास 'एक बटा दो' उस नारी की करुण गाथा है जो दो भागों में विभक्त होने को विवश है, पर इन दोनों में से कौन सा हिस्सा उसका है, कौन सा नहीं, या कोई हिस्सा उसे स्व: के स्वाद से युक्त ...

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लेखक के बारे में
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Vrinda S Mishra

An aspiring author. एक उभरती लेखिका व कवियत्री। Follow me on Instagram : www.instagram.com/writer_vrinda . Follow me on YourQuotes : https://www.yourquote.in/vrindam65 Follow me on wattpad : www.wattpad.com/luvvrinda Find my published story "SUHAGIN" in Vanita July 2018 edition.

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ram Bachan Vishwakarma "Bachchan"
    22 नवम्बर 2019
    बहुत ही अच्छा लगा , अब एक बटा दो ज़रूर पढूँगा। स्त्री के बारे में कितना भी लिखा जाये वो कम है वो अथाह सागर की गहराईयों सी है न जाने कितने किस्से कहानी उनमें बसती हैं। बहुत बढियाँ।
  • author
    11 फ़रवरी 2021
    बेहतरीन समीक्षा लिखी है आपने, 👌👌👌👌, प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करने हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
  • author
    28 फ़रवरी 2021
    एक बटा दो सुजाता जी के स्त्री विमर्श पर आधारित उपन्यास की समीक्षा बहुत प्रभावी लगी। 👌👌👌
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    Ram Bachan Vishwakarma "Bachchan"
    22 नवम्बर 2019
    बहुत ही अच्छा लगा , अब एक बटा दो ज़रूर पढूँगा। स्त्री के बारे में कितना भी लिखा जाये वो कम है वो अथाह सागर की गहराईयों सी है न जाने कितने किस्से कहानी उनमें बसती हैं। बहुत बढियाँ।
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    11 फ़रवरी 2021
    बेहतरीन समीक्षा लिखी है आपने, 👌👌👌👌, प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करने हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
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    28 फ़रवरी 2021
    एक बटा दो सुजाता जी के स्त्री विमर्श पर आधारित उपन्यास की समीक्षा बहुत प्रभावी लगी। 👌👌👌