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सिर्फ यादो में

4.1
4029

.......फ़ोन की घंटी के आवाज सुनकर फ़ोन उठाकर देखा तो पता चला कोई अननोन नंबर है ...फ़ोन को पलट कर रख दिया और फिर करवट बदलकर सोने का असफल प्रयास करने करने लगा ...! थोड़ी थोड़ी आँख लग ही पायी थी कि फ़ोन ...

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लेखक के बारे में

न मैं कवि हूँ और न कोई शब्दों का खिलाडी. मुझे अपनी भावनाओ को व्यक्त करने के लिए चंद शब्दों की जरुरत पड़ती हैं और मेरे शब्दकोष का अल्पज्ञान कभी मुझे कोसता भी हैं मगर मैं जैसे तैसे शब्दों को पिरो कर अपनी तरफ से अपने उदगार व्यक्त करता हूँ। कभी वो कविता की शक्ल अख्तियार कर लेती हैं तो कभी वो शब्दों का ताना बाना. कभी कुछ लोग पढ़ लेते हैं और कभी कुछ लोग देख कर बकवास करार दे देते हैं......!! मगर मैं भी जिद्दी हूँ भावनाओ के उफान में बहकर फिर कुछ न कुछ लिख ही लेता हूँ बिना इस बात की परवाह किये की ये सिर्फ मेरे तक ही सीमित रह जाएँगी या कुछ लोगो को पसंद आएँगी., वास्तव में, मेरा सफ़र हैं इस खूबसूरत ज़िन्दगी का -जो भगवान ने हमें दी हैं....!!!

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manish Rathor
    05 दिसम्बर 2018
    किसी की यादें इतनी बुरी नहीं होती जितनी की हक़ीक़त😐
  • author
    Sachin Tainguriya
    11 मई 2017
    अति उत्तम
  • author
    Ajay Raninga
    26 अगस्त 2017
    nice story
  • author
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  • author
    Manish Rathor
    05 दिसम्बर 2018
    किसी की यादें इतनी बुरी नहीं होती जितनी की हक़ीक़त😐
  • author
    Sachin Tainguriya
    11 मई 2017
    अति उत्तम
  • author
    Ajay Raninga
    26 अगस्त 2017
    nice story