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सिरफिरी बुढ़िया #ओवुमनिया

4.7
23231

जब महिला दे महिला का साथ

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लेखक के बारे में
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सुनीता पवार

एक बेटे की माँ..एक राजा की रानी ...दो घरों का सम्मान .....सह- संस्थापक FB पेज "मेरी पंक्ति" (www.facebook.com/mankevichar/) ... नृत्य एवं लिखने की रूचि ... नियमित योग करना

समीक्षा
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    डॉ. माहिया समीर
    15 ਮਾਰਚ 2019
    बहुत मार्मिक रचना , मेरी आँखें बह चली पढ़ते-पढ़ते और कंठ रुन्द्र से गए । वास्तव में ही दुनियाँ में गहरे से गहरे दुःख हैं लोगों के पास मगर प्रेम वह मरहम है जो सभी दुःखों को ठीक कर सकता है ।। प्रथम पुरुष्कार की हार्दिक बधाई सुनीता पवार जी ।।
  • author
    Savita Mishra
    14 ਮਾਰਚ 2019
    वास्तव में आप की कहानी प्रथम पुरस्कार लायक थी।बहुत -बहुत बधाई।
  • author
    rambeersingh
    15 ਮਾਰਚ 2019
    सुनीता जी आपकी रचना पड़ी ,मेरे अन्तर मन में उतर गयी। बहुत बहुत बधाई आपको।
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    डॉ. माहिया समीर
    15 ਮਾਰਚ 2019
    बहुत मार्मिक रचना , मेरी आँखें बह चली पढ़ते-पढ़ते और कंठ रुन्द्र से गए । वास्तव में ही दुनियाँ में गहरे से गहरे दुःख हैं लोगों के पास मगर प्रेम वह मरहम है जो सभी दुःखों को ठीक कर सकता है ।। प्रथम पुरुष्कार की हार्दिक बधाई सुनीता पवार जी ।।
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    Savita Mishra
    14 ਮਾਰਚ 2019
    वास्तव में आप की कहानी प्रथम पुरस्कार लायक थी।बहुत -बहुत बधाई।
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    rambeersingh
    15 ਮਾਰਚ 2019
    सुनीता जी आपकी रचना पड़ी ,मेरे अन्तर मन में उतर गयी। बहुत बहुत बधाई आपको।