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सावित्री मैम

4.2
13618

संस्कृत की मैडम ने डाँटते हुए सीमा को उठाया ,"तुम्हें रुमाल कहाँ से मिली।" सीमा ने फिर वही उत्तर दिया, "मैम नीचे गिरा हुआ था मैनेरीता का समझ कर सम्भाल कर रख दिया औरजब वो आई तो मैने उसे दे दिया लेकिन ...

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लेखक के बारे में
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डॉ. सरला सिंह

https://www.jeevanpath.com/ परिचय -- नाम --डॉ.सरला सिंह माता का नाम--स्व. कैलाश देवी पिता का नाम----स्व. श्री बासुदेव सिंह पति/पत्नि का नाम---श्री राजेश्वर सिंह जन्मतिथि -- चार अप्रैल जन्म स्थान--सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश शिक्षा--एम.ए., बी.एड. ,पी-एच.डी. कार्यक्षेत्र--टी.जी.टी.(हिन्दी) दिल्ली सामाजिक क्षेत्र विधा ---विशेष रूप से "छन्दमुकत"rlasingh54@gmail.com प्रकाशन __"काव्यकलश","नवकाव्यांजलि" " "स्वप्नगंधा" सभी साझाकाव्य संकलन "जीवनपथ"काव्यसंग्रह शीघ्र प्रकाश्य द्वारा ,पौराणिक प्रबंध काव्यों में पात्रों का चरित्र । कविताओं का यूथएजेन्डा,नये पल्लव, काव्यरंगोली तथा गुफ्तुगू जैसी प्रसिद्ध साहित्यक पत्रिकाओं में प्रकाशन । दैनिक पत्रिकाओं यथा दिल्ली हमारा मैट्रो, उत्कर्ष मेल आदि में नियमित प्रकाशन । फेसबुक तथ व्हाट्सएप से जुड़े साहित्यिक ग्रुपों में नियमित रूप से कविताएँ भेजना । अनुराधा प्रकाशन दिल्ली । सम्मान - अन्य उप्लब्धियाँ- लेखन का उद्देश्य-सामाजिक विसंगतियांं दूर करना । rlasingh55@gmail.com

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Monika Dubey
    01 ஜூலை 2016
    Such a boring story
  • author
    Mridul Singh Mahi
    12 டிசம்பர் 2017
    मैम कहानी की शुरूआत सही थी । पर अन्त अच्छी नही है , आपको अन्त मे कुछ सफलता का दृश्य लिख देनी चाहिये ।
  • author
    Sonu Samadhiya (SS₹)
    02 டிசம்பர் 2018
    हृदय स्पर्शी रचना 👌👌👌
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    Monika Dubey
    01 ஜூலை 2016
    Such a boring story
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    Mridul Singh Mahi
    12 டிசம்பர் 2017
    मैम कहानी की शुरूआत सही थी । पर अन्त अच्छी नही है , आपको अन्त मे कुछ सफलता का दृश्य लिख देनी चाहिये ।
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    Sonu Samadhiya (SS₹)
    02 டிசம்பர் 2018
    हृदय स्पर्शी रचना 👌👌👌