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साँप-साँप
उम्मेदसिंह बैद "साधक"
रात अचानक महेश की आँख खुल गई। लघु-शंका-निवृत्ति हेतु कमरे से बाहर आया, ड्राईंग-हाल में कारपेट पर बड़ा सा साँप दिखाई दिया! कदम वहीं रुक गये, बाथ-रुम खोलने की हिम्मत ही ना हुई। धीरे से आकर श्रीमतीजी को ...
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