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सहारा

3.3
83

उसकी कमर झुकी हुई है। उम्र का आखिरी पड़ाव पर जिन्दगी की डोर थमी है। जीर्ण शिर्ण चिथड़ों में लिपटी हुई सबके सामने अपनी निर्बल हाथ पसारे माँग रही है। मैंने अपने जेब से कुछ सिक्के निकाल कर उसके हाथ ...

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लेखक के बारे में
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Satyendra Sharma

नाम- सत्येन्द्र कुमार शर्मा पिता- राम मिलन शर्मा ग्राम पो०-बहादुरपुर पटोरी जिला-समस्तीपुर बिहार-848504 शैक्षणिक योग्यता- रसायन शास्त्र में प्रतिष्ठा (स्नातक) वर्तमान व्यवसाय- प्रारंभिक विद्यालय में सरकारी शिक्षक शौकिया कहानी लिखना और लोगों का मनोरंजन करना। प्रतिक्रिया पर अच्छा महसूस करना। वैसे तो प्रत्येक मनुष्य का जीवन अपने आप में कई कहानियों को समेटे रहता है, केवल जरूरत है तो सूक्ष्मावलोकन व सटीक और सार्थक अभिव्यक्ति की।

समीक्षा
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    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    09 जून 2019
    सत्येंद्र जी, बहुत अच्छा लिखा है आपने.
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    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    09 जून 2019
    सत्येंद्र जी, बहुत अच्छा लिखा है आपने.