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सबक..

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एक फटी हुई बोरी में उसने कुछ दिए व मिट्टी के समान संजो कर रखे थे  ..उस आठ साल के बच्चे की आंखों में हर आने जाने वाले के लिए एक आस थी शायद ये मेरा  कुछ सामान खरीदेगा लेकिन न जाने कोई भी उसकी तरफ देख ...

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लेखक के बारे में
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Keshav Chandra Joshi

खुद लिखा बारे में अपने तो क्या लिखा। कशिश तो तब है जब लोग खुद तुम्हे पड़ लें।।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    advanced buddy "advanced buddy" सुपरफैन
    24 अक्टूबर 2022
    bahut hi acchi rachna
  • author
    manjit kaur
    23 अक्टूबर 2022
    very nyc
  • author
    खुशबू हरमुख
    03 दिसम्बर 2022
    बेहतरीन 👌👌👌
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    advanced buddy "advanced buddy" सुपरफैन
    24 अक्टूबर 2022
    bahut hi acchi rachna
  • author
    manjit kaur
    23 अक्टूबर 2022
    very nyc
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    खुशबू हरमुख
    03 दिसम्बर 2022
    बेहतरीन 👌👌👌