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शिकायत

4.8
54

सुनो एक शिकायत है तुमसे, बोलूंगी तो क्या मानोगे  उसे। जब जाना ही था जिंदगी से तो, सपना बनकर आए ही क्यों थे।। वीरान सी थी जो जिंदगी उसमें, खुशी की बहार लाए ही क्यों थे चाहतों का जो सिलसिला सा था, हमने ...

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लेखक के बारे में
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Sr Sharma
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jitendra "JITU/G2/GG"
    25 ஜனவரி 2019
    nice
  • author
    24 ஜனவரி 2019
    बहुत बढ़िया
  • author
    Ravindra Narayan Pahalwan
    27 ஜனவரி 2019
    शिकायत तो बनती है / मुझे भी एक शिकायत है, इतना अच्छा लिखते क्यों हो ? एक तकलीफ़ करना मेरी शिकायत बनी रहना चाहिए...
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    Jitendra "JITU/G2/GG"
    25 ஜனவரி 2019
    nice
  • author
    24 ஜனவரி 2019
    बहुत बढ़िया
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    Ravindra Narayan Pahalwan
    27 ஜனவரி 2019
    शिकायत तो बनती है / मुझे भी एक शिकायत है, इतना अच्छा लिखते क्यों हो ? एक तकलीफ़ करना मेरी शिकायत बनी रहना चाहिए...