फिर भी ना जाने क्यों उसे दूसरों को परेशान करने में कितना मजा आता था। पढ़ाई में अच्छा होते हुए भी तपस की कम्प्लेन मानो रोज की ही बात हो गई थी। बात हद से ज्यादा बढ़ जाने पर उसके माता-पिता को प्रिंसिपल ...
फिर भी ना जाने क्यों उसे दूसरों को परेशान करने में कितना मजा आता था। पढ़ाई में अच्छा होते हुए भी तपस की कम्प्लेन मानो रोज की ही बात हो गई थी। बात हद से ज्यादा बढ़ जाने पर उसके माता-पिता को प्रिंसिपल ...