वो एक बे औलाद औरत थी। जिन्दगी का हर सुख और आराम उपलब्ध था उसे, लेकिन औलाद नहीं थी। किसी के ले जाने पर वो एक पीर साहब के यहां औलाद की मन्नत मांगने जाती है, तो पीर साहब उसको रात वहीं ठहर जाने के ...
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वो भयानक रात (अंतिम भाग)
Mystery Girl
4.3
वो भयानक रात (अंतिम भाग) मैं उस काली मौत को अपने पीछे देखकर बेतहाशा चीखती और मुंह से झाग उड़ाती भागती चली जा रही थी। झाड़ियों से मेरे कपड़े खिंच रहे थे। कांटों से पैर लहूलु वो भयानक रात (भाग-2) रात ...
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