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हिन्दी

वो दीवाली

4.3
25082

ट्रिन...........ट्रिन.............ा ..टेलीफोन की घंटी सुनकर अनिल ने फोन उठाया ा ‘‘हलो.......................‘‘ ‘‘आप अनिल साहब ही बोल रहे हैं ना ?‘‘ ‘’जी हां ! आप कौन ?’’ फोन पर किसी नारी कंठ की आवाज ...

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लेखक के बारे में
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बसंती पंवार

बसन्ती पंवार । जन्म-बसंत पंचमी, बीकानेर ( राजस्थान ) । हिन्दी व राजस्थानी भाषा की सात पुस्तकें प्रकाशित । हिन्दी व्यंग्य संग्रह " नाक का सवाल " का अंग्रेजी में अनुवाद । चार पुस्तकें प्रकाशनाधीन । पैंतालीस पुरस्कार और सम्मान प्राप्त । विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन । आकाशवाणी और दूरदर्शन पर कार्यक्रम । विशेष-राजस्थानी भाषा की पहली महिला उपन्यासकार । यूट्यूब पर " मैं बसंत " नाम से चेनल ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mahesh Babu Saraswat
    27 अप्रैल 2018
    अच्छा रहस्य बनाया है। कहानी बहुत बहुत सुन्दर है अन्त मे पहुँचने पर दुख होने लगा इतनी जल्दी खत्म क्यों हो गई। दिल खुश हुआ दोस्त बधाई हो ।💐💐💐
  • author
    Lekha Chaudhary
    27 अप्रैल 2018
    वर्तनी पर थोड़ा ध्यान दीजिए । वैसे अच्छी कहानी है
  • author
    Mamta Upadhyay
    16 सितम्बर 2019
    क्या खूब छकाया गया
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    Mahesh Babu Saraswat
    27 अप्रैल 2018
    अच्छा रहस्य बनाया है। कहानी बहुत बहुत सुन्दर है अन्त मे पहुँचने पर दुख होने लगा इतनी जल्दी खत्म क्यों हो गई। दिल खुश हुआ दोस्त बधाई हो ।💐💐💐
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    Lekha Chaudhary
    27 अप्रैल 2018
    वर्तनी पर थोड़ा ध्यान दीजिए । वैसे अच्छी कहानी है
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    Mamta Upadhyay
    16 सितम्बर 2019
    क्या खूब छकाया गया