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वो क्या था

4.4
3130

एक साया जो भटक रहा था सदियों से देखिए मेरी नज़रिए से

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लेखक के बारे में
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Poonam Kaparwan pikku

. वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन उसे इक खूबसूरत मोड़ देकर छोडना अच्छा... ये चंद पंक्ति साहिर जी की मुझे प्रिय है। गायकी, नृत्य लेखन, पेंटिंग की शौकीन मिज़ाज। अकेले रहना और अंतर्मन से बातें करना पंसद है। योग साधना आध्यात्मिक रुचि। संवेदनशील भाव।प्रकृति के करीब रहना आदत है। पक्षियों पशु से लगाव है। प्रतिलिपि पर मेरा आगमन अगस्त 2018 में हुआ। ये सिलसिला चल रहा है और चलता रहेगा। प्रतिलिपि के सफर में बहुत बेहतरीन उतार चढ़ाव ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। बहुत से समालोचक आलोचकों से। बहुत कुछ सीखा आलोचना एक साबुन की तरह मेरे मार्गदर्शक की तरह रही देवभूमि उत्तराखंड से हूँ । किसी को आहत नहीं करती भले मै संवेदना समेट लूं जीवन रुकता नहीं अंतहीन सफर है। धन्यवाद।

समीक्षा
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    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    11 सितम्बर 2019
    बहुत सुन्दर कथा । कमला समझदारी से काम न लेती तो उस रात अनिष्ट निश्चित था ।
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    29 अप्रैल 2020
    वाह क्या कहानी सुनाई आपने बचपन मे मेरी नानी ने भी ऐसा कुछ अलग अलग सी कहानी सुनाई है पहाड़ो के सजीव चित्रण आपने बहुत सुंदरता और पूरी मौलिकता को दृष्टिगत रखते हुए किया। है आपने धनबाद हो आपु लीजि जय देवभूमि रंगीलो कुमाऊँ मेरो छबिलो गड़वाला 🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
  • author
    Deepa Bhandari
    05 जनवरी 2021
    muje bhi meri bahan ne aisa kaha tha ki Pandyar paani bhrne ki jagah akele raste me jungle me kheto me kahin nhi rona naa he jada awaj se hasana... Chhal lg k jata hai bal... 👺😓😅
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    Krishna Kumar "'प्रशांत'"
    11 सितम्बर 2019
    बहुत सुन्दर कथा । कमला समझदारी से काम न लेती तो उस रात अनिष्ट निश्चित था ।
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    29 अप्रैल 2020
    वाह क्या कहानी सुनाई आपने बचपन मे मेरी नानी ने भी ऐसा कुछ अलग अलग सी कहानी सुनाई है पहाड़ो के सजीव चित्रण आपने बहुत सुंदरता और पूरी मौलिकता को दृष्टिगत रखते हुए किया। है आपने धनबाद हो आपु लीजि जय देवभूमि रंगीलो कुमाऊँ मेरो छबिलो गड़वाला 🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
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    Deepa Bhandari
    05 जनवरी 2021
    muje bhi meri bahan ne aisa kaha tha ki Pandyar paani bhrne ki jagah akele raste me jungle me kheto me kahin nhi rona naa he jada awaj se hasana... Chhal lg k jata hai bal... 👺😓😅