pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

वैंपायर

4.5
40168

"मीरा मैं ऑफिस जा रहा हूं शाम को जल्दी आ जाऊंगा, तुम तैयार रहना" इतना कहकर वरुण अपने ऑफिस चला गया। मीरा उसे बाहर तक छोड़ने गई और मुस्कुराते हुए बाय बोला। फिर वह बालकनी में आकर नीचे कार में जाते ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

कृपया ‘त्रिधा’ ‘त्रिबेला’ एवं ‘फड़फड़ाते पन्ने’ न पढ़ें। ये सभी कहानियां अभी अधूरी हैं जिनके फ्यूचर परफेक्ट टेंस में समाप्त होने की संभावना है। असुविधा के लिए खेद है 🙂

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    चहल
    13 മെയ്‌ 2020
    मीरा के पिता जीत कर भी हार गए और मीरा हार कर भी जीत गई ....वाह !बढिया कहानी 👌👌..शुभकामनाएं 🤗🤗
  • author
    Pallavi Dubey "Pratiksha"
    13 മെയ്‌ 2020
    मतलब वरुण वैम्पायर था ,मुझे लगा मीरा होगी
  • author
    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    13 മെയ്‌ 2020
    कहानी अच्छी है पर शायद समयाभाव के कारण आपने अधूरी छोड़ी है।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    चहल
    13 മെയ്‌ 2020
    मीरा के पिता जीत कर भी हार गए और मीरा हार कर भी जीत गई ....वाह !बढिया कहानी 👌👌..शुभकामनाएं 🤗🤗
  • author
    Pallavi Dubey "Pratiksha"
    13 മെയ്‌ 2020
    मतलब वरुण वैम्पायर था ,मुझे लगा मीरा होगी
  • author
    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    13 മെയ്‌ 2020
    कहानी अच्छी है पर शायद समयाभाव के कारण आपने अधूरी छोड़ी है।